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In english sangri is known as desert bean.
Ker sangri ki sabzi holds an important place in regional cuisine of Rajasthan, it is a household desi dish in Rajasthani families.
Ker sangri ki sabzi is a festive dish too, in North Indian and Rajasthani families it is made on holi, Diwali and on sitla ashtami.
In north India and in Rajasthan Ker sangri ki sabzi is served as a exotic delicacy in parties and in weddings. In Royal hotels of Rajasthan this traditional and authentic desi sabzi holds an important place in the menu.
Ker sangri ki sabzi is travel friendly too. The authentic sabzi requires a lot of oil which acts as a preservative. Making dry ker sangri ki sabzi without dahi stays good for two to three days without a refrigerator. If you travel by train and see Rajasthani families around you, you will notice ker sangri ki sabzi in their khane ka dabba.
Dahi wali sabzi stays good for four to five days, if stored in the refrigerator.
Sangri ki sabzi, also known as panchkuta ki sabzi, is a unique mix of five plant products which are grown locally in Rajasthan.
- Ker
- Sangri
- Babul fali also know as kumatiya
- Gunda
- Amchoor
Ker sangri ki sabzi is extremely tasty, when cooked in mustard oil with the simple condiments, you get an earthy, rustic flavor which is spicy, sour and tangy; addition of the curd, cashew nuts and raisins enhances the flavor and taste of the sabzi.
These days most of us relish imported fruits and vegetables and have forgotten our locally grown Desi fruits and vegetables, which are loaded with nutrients and have many health benefits, now time has come to include locally grown vegetables and fruits in our diet, and the simple reason behind this thought is that locally grown seasonal vegetables and fruits provides nutrients which are required during that period and boost immunity and help to fight seasonal illness.
Do you all know how healthy sangri is
Sangri beans are very healthy and nutritious; everyone should try to include this desi sabzi in their household menu.
Health benefits of sangri
- Sangri is a good source of minerals like potassium, magnesium, calcium, zinc and iron.
- Sangri is a good source of dietary fiber and protein, which keeps the digestive system healthy.
- Sangri pods also contain a moderate amount of saponins, which help to boost immunity and lower cholesterol levels in blood.
- Sangri maintains blood pressure.
- Sangri acts as a cooling anthelmintic.
- Sangri is helpful in treating piles, asthma and tremors of the muscles.
- During pregnancy it is used along with sugar to prevent miscarriage.
Here I am sharing a very simple and easy recipe of dahi wali panchkuta /sangri ki sabzi ki recipe.
Ingredients for 5 to 6 servings
- 1 cup panchkuta / ker sangri
- 2 to 3 tbsp mustard oil
- ½ cup thick curd
- 8 cashew nuts
- 25 raisins
- ½ tsp turmeric powder
- 1 tsp red chili powder
- 1 tbsp coriander powder
- 3/4 tsp dry mango powder
- 1/4 tsp garam masala powder
- ½ tsp cumin seeds
- ½ tsp fennel seeds
- 1/4 tsp asafetida
- 2 green chili (cut as desired)
- 1 tsp grated ginger
- 2 whole red chili (broken into pieces)
- Salt according to taste
- Sufficient buttermilk to soak panchkuta /ker sangri.
In panchkuta / ker sangri, there is a lot of sand and other small particles, so cleaning carefully is an important step.
- Take ker sangri in a colander and sieve it.
- Now take ker sangri on a plate and handpick sticks and other particles from it.
- Take ker sangri in a colander to remove sand, wash thoroughly under tap water.
- Now take water in a big bowl, put sangri in it, and wash again; repeat this process until you get clear water.
Preparing ker sangri for cooking
- Soak ker sangri / panchkuta in sufficient buttermilk, keep it overnight.
- Discard buttermilk and wash ker sangri /panchkuta.
- Now along with one cup of water, pressure cook ker sangri / panchkuta for two whistles.
- Let the cooker cool; now drain the water and keep ker sangri/ panchkuta in a colander.
Tip
- I have used mustard oil; you can use any other oil of your choice.
- When sangri / panchkuta is soaked in buttermilk, it becomes slightly sour, which enhances the taste.
Method to make sabzi
- Whisk curd.
- Heat oil in a wok, roast cashew nuts until golden, take out, now roast raisins for a second and take out.
- If necessary, increase oil.
- Now add cumin seeds and fennel seeds; as seed sizzles, lower the flame, add broken red chili, green chili, ginger and asafoetida, saute for a few seconds.
- Add turmeric powder, red chili powder, coriander powder, roast for a few seconds, boil ker sangri, salt, amchoor powder, and ½ cup water, and mix well and cook on low flame for five to six minutes, occasionally keep stirring.
- Now add curd and garam masala powder,mix properly, cook for two to three minutes, switch off the flame.
- Transfer sabzi to a serving bowl, garnish with roasted cashew nuts and raisins.
- Panchkuta/ ker sangri ki sabzi is ready to serve.
Serving idea
Serve sabzi as a side dish along with puri, Paratha and phulka.
सांगरी को अंग्रेजी में डेजर्ट बीन कहते हैं।
केर सांगरी की सब्जी राजस्थान के क्षेत्रीय व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, यह राजस्थानी परिवारों में एक घरेलू देसी व्यंजन है जो अकसर बनाया है।
केर सांगरी की सब्जी त्योहारों पर भी बनाई जाती है, उत्तर भारतीय और राजस्थानी परिवारों में इसे होली, दीवाली और शीतला अष्टमी पर बनाया जाता है।
उत्तर भारत और राजस्थान में केर सांगरी की सब्जी को पार्टियों और शादियों में एक विशेष व्यंजन के रूप में परोसा जाता है। राजस्थान के रॉयल होटलों में यह पारंपरिक और प्रामाणिक देसी सब्जी मेनू में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
केर सांगरी की सब्जी ट्रैवल फ्रेंडली भी है। प्रामाणिक (authentic) सब्जी बनाने के लिए थोड़े अधिक तेल की आवश्यकता होती है, जो परिरक्षक (preservative)के रूप में कार्य करता है। अगर आप सूखी केर सांगरी की सब्जी बिना दही के बनाते हैं तो यह बिना फ्रिज के 2 से 3 दिन तक अच्छी रहती है। अगर आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं और अगर आप अपने आसपास राजस्थानी परिवारों को देखेंगे तो आप देखेंगे उनके खाने के डिब्बे में केर सांगरी की सब्जी जरूर से होगी।
दही वाली सब्जी फ्रिज में रखने से 4 से 5 दिन तक अच्छी रहती है।
सांगरी की सब्जी को पंचकुटा की सब्जी के नाम से भी जाना जाता है, यह राजस्थान में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पांच पौधों के उत्पादों का एक अनूठा मिश्रण है।
- केर
- सांगरी
- बाबुल फली जिस को कुमटिया के नाम से भी जाना जाता है
- गुंदा
- अमचूर
केर सांगरी की सब्जी बेहद स्वादिष्ट होती है, साधारण मसालों के साथ सरसों के तेल में पकाने पर, आपको एक देहाती स्वाद मिलता है जो खट्टा और तीखा होता है, दही, काजू और किशमिश डालने से सब्जी का स्वाद काफी बढ़ जाता है।
इन दिनों हम में से अधिकांश लोग आयातित (इंपोर्टेड) फलों और सब्जियों को खाना पसंद करते हैं और अपने स्थानीय रूप से उगाए गए देसी फलों और सब्जियों को भूल गए हैं, जो पोषक तत्वों से भरे हुए हैं और इन के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। अब समय आ गया है कि स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों और फलों को अपने आहार में शामिल किया जाए और इस सोच के पीछे का महत्वपूर्ण कारण यह है कि स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली मौसमी सब्जियां और फल पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो उस अवधि के दौरान आवश्यक होते हैं और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देते हैं और मौसमी बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं।
क्या आप सभी जानते हैं कि सांगरी कितनी सेहतमंद होती है
सांगरी बीन्स बहुत ही सेहतमंद होती हैं और सभी को इस देसी सब्जी को अपने मेन्यू में शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए।
सांगरी के स्वास्थ्य लाभ
- सांगरी पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और आयरन जैसे खनिजों का एक अच्छा स्रोत है।
- सांगरी डाइटरी फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है.
- सांगरी की फली में थोड़ी मात्रा में सैपोनिन भी होता हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
- सांगरी रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- सांगरी एक ठंडा कृमिनाशक ( cooling anthelmintic)के रूप में कार्य करता है।
- सांगरी बवासीर, अस्थमा और मांसपेशियों के कंपन के इलाज में सहायक है।
- गर्भावस्था के दौरान गर्भपात को रोकने के लिए चीनी के साथ इसका उपयोग किया जाता है।
यहाँ मैं बहुत ही सरल और आसान दही वाली पंचकूटा / सांगरी की सब्जी की रेसिपी साझा कर रही हूँ।
5 से 6 सर्विंग्स के लिए सामग्री
- 1 कप पंचकूटा / केर सांगरी
- 2 से 3 tbsp सरसों का तेल
- ½ कप गाढ़ा दही
- 8 काजू
- 25 किशमिश
- ½ tsp हल्दी पाउडर
- 1 tsp लाल मिर्च पाउडर
- 1 tbsp धनिया पाउडर
- 3/4 tsp अमचूर पाउडर
- 1/4 tsp गरम मसाला पाउडर
- ½ tsp जीरा
- ½ tsp सौंफ
- 1/4 tsp हींग
- 2 हरी मिर्च (इच्छानुसार कटी हुई)
- 1 छोटा चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक
- 2 साबुत लाल मिर्च (टुकड़ों में तोड़ी हुई)
- स्वादानुसार नमक
- पंचकुटा / केर सांगरी को भिगोने के लिए पर्याप्त छाछ।
पंचकूटा/केर सांगरी में बहुत अधिक रेत और अन्य छोटे कण होते हैं इसलिए सावधानी से सफाई करना बहुत महत्वपूर्ण है।
- एक छलनी में केर सांगरी लें और इसे छान लें।
अब केर सांगरी को एक थाली में निकाल लें और अच्छी तरह से साफ कर लीजिए।
- एक छलनी में केर सांगरी लें,नल के नीचे पानी से अच्छी तरह धो लें, इसमें काफी रेत निकल जाएगी।
- अब एक बड़े बर्तन में पानी लें और उसमें सांगरी डालकर फिर से धो लें, इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक आपको साफ पानी न मिल जाए।
- अब केर सांगरी/पंचकूट को पर्याप्त मात्रा में छाछ में भिगोकर रात भर के लिए रख दें।
- सुबह छाछ निकल दीजिए और केर सांगरी/पंचकूट को पानी से धो लें।
- अब एक कप पानी के साथ केर सांगरी / पंचकुटा को दो सीटी के लिए प्रेशर कुक करें।
- कुकर को ठंडा होने दीजिये, अब पानी निकाल दीजिये और केर सांगरी/ पंचकुटा को छलनी में निकाल कर रख लीजिये.
टिप
- मैंने सरसों का तेल इस्तेमाल किया है, आप अपनी पसंद का कोई भी तेल इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पंचकूटा/केर सांगरी को मट्ठे में भीगौने से, इसमें हल्की सी खटास आ जाती है, इस वजह से सब्जी का स्वाद बढ़ जाता हैं।
सब्जी बनाने की विधि
- दही फैंट लीजिये।
- कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये, काजू को सुनहरा होने तक भूनिये, निकाल लीजिये, किशमिश को 1 सेकण्ड के लिए भूनिये और निकाल लीजिये।
- यदि आवश्यक हो तो तेल बढ़ा दें।
- अब जीरा और सौंफ डालें, जैसे ही बीज चटकने लगे, आंच धीमी कर दें, टूटी हुई लाल मिर्च, हरी मिर्च, अदरक और हींग डालें, कुछ सेकंड के लिए भूनें।
- अब हल्दी पावडर, लाल मिर्च पावडर, धनिया पावडर डालिये, कुछ सेकण्ड्स के लिये भूनिये, उबली हुई केर सांगरी डालिये, नमक, अमचूर पावडर और आधा कप पानी डालिये, अच्छी तरह मिलाइये और धीमी आंच पर पांच से छह मिनिट तक पकाइये, बीच-बीच में हिलाते रहिये।
- अब इसमें दही और गरम मसाला पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें, दो से तीन मिनट तक पकाएं, गैस बंद कर दें।
- सब्जी को प्याले में निकालिये, भुने हुये काजू और किशमिश से सजाइये।
- पंचकुटा/केर सांगरी की सब्जी परोसने के लिए तैयार है।
परोसने का तरीका
सब्जी को पूरी, परांठे और फुल्के के साथ साइड डिश के तौर पर परोसिये.
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