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This year, the preparation for the festival of Gangaur will begin on 29 th March and Gangaur will be celebrated on 15th April.
The meaning of Gangaur-
Gan means Shiva / Isar ji
Gaur means Parvati /Gauri
Gangaur is one of the most famous and colourful festivals of north India and Rajasthan. It is celebrated with great devotion by married women and unmarried girls. On Gangaur, married women worship for the well being of their husbands and unmarried girls pray for a good husband.
On Gangaur, women and girls apply mehndi on hands and feet, dress up in colourful traditional wear and jewellery, sing folk songs and dance.
For newly wedded women and unmarried girls, the rituals to celebrate Gangaur starts a day after Holi and it lasts for 16 days. Many interesting rituals are performed during this period.
For the celebration of Gangaur, images of Isar ji and Gauri are made with clay, then it is painted with natural colours; dressed beautifully in colourful clothes and is adorned with fancy jewellery and accessories.
According to family tradition, many goodies are made on Gangaur.
Some of the most popular snacks which are made on Gangaur are:
- Atte ke guna
- Atte ka halwa
- Atte ke gulgule
- Chawal ki kheer
- Churma
- Atte ke phal
Today I am sharing a simple and easy recipe of atte ke phal which are crispy from outside and soft from inside.
Atte ke phal are made especially for Gangaur puja. Married women keep 8 atte ke phal and unmarried girls keep 16 atte ke phal in puja ki thali.
Ingredients for 22 to 24 atte ke phal-
- 1 + ½ cup wheat flour (gehu ka atta)
- 3/4 cup powdered jaggery (gud)
- 1/4 cup water
- 2 tbsp ghee (desi ghee)
- Desi ghee for frying atte ke phal.
Method –
- In a pan, take powdered jaggery and water and cook it until jaggery dissolves completely.
- Let the mixture cool, if necessary sieve the syrup.
- In a bowl, combine wheat flour, add 2 tbsp lukewarm ghee and mix the ghee evenly in the flour with fingertips until it looks like breadcrumbs.
- Now knead the flour with jaggery syrup.
- The dough should be stiff and smooth, grease the dough with ghee, cover and keep aside to rest for 15 minutes.
- Again knead the dough and divide the dough into 22 to 24 equal portions and make small lemon size balls.
- With the help of your thumb and fingers, shape the balls into a pyramid.
- Heat desi ghee in a heavy bottom kadai, when ghee is medium hot put 4 to 5 atte ke phal and fry on medium to low flame.
- Occasionally stir phal until they turn golden from all the sides.
- Drain atte ke phal on absorbent paper.
- After atte ke phal cools store in an airtight container.
Note –
If you fry atte ke phal on a high flame they will turn soft.
आटे के फल
गणगौर का अर्थ-
गण का अर्थ है शिव / ईसर जी
गौर का अर्थ है पार्वती / गौरी
गणगौर उत्तर भारत और राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध और विभिन्न रंगों से भरे त्योहारों में से एक है। इसे विवाहित महिलाओं और अविवाहित लड़कियों द्वारा बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। गणगौर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए पूजा करती हैं और अविवाहित लड़कियां एक अच्छे पति के लिए प्रार्थना करती हैं।
गणगौर पर महिलाएं और लड़कियां हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाती हैं, रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान और आभूषण पहनती हैं, लोक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं।
नवविवाहित लड़कियों और अविवाहित लड़कियों के लिए, होली के एक दिन बाद गणगौर मनाने की रस्में शुरू होती हैं और यह 16 दिनों तक चलती है और इस अवधि के दौरान कई दिलचस्प अनुष्ठान किए जाते हैं। गणगौर का उत्सव मनाने के लिए ईसर जी और गौरी की छवियों चिकनी मिट्टी से बनाई जाती है, फिर इसे प्राकृतिक रंगों से रंगा जाता है और रंगीन कपड़े पहनाए जाते हैं और फैंसी आभूषण और अन्य वस्तुओं से सजाया जाता है।
पारिवारिक परंपरा के अनुसार गणगौर पर कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं,
गणगौर पर बनाए जाने वाले कुछ व्यंजन इस प्रकार हैं –
- आटे के गुने
- आटे का हलवा
- आटे के गुलगुले
- चवाल की खीर
- चूरमा
- आटे के फल
आज मैं आटे के फल की एक सरल और आसान रेसिपी शेयर कर रही हूँ, जो बाहर से खस्ता और अंदर से नरम है।
खासतौर पर गणगौर पूजा के लिए आटे के फल बनाए जाते हैं। विवाहित महिलाएं 8 आटे के फल रखती हैं और अविवाहित लड़कियां पूजा की थाली में 16 आटे के फल रखती हैं।
22 से 24 आटे के फल के लिए सामग्री-
- 1 + ½ टी कप गेहूं का आटा
- 3/4 टी कप पाउडर गुड़
- 1/4 टी कप पानी
- 2 tbsp देसी घी
- देसी घी तलने के लिए।
बनाने का तरीका –
- एक पैन में गुड़ और पानी लें और इसे तब तक पकाएं जब तक गुड़ पूरी तरह से घुल न जाए।
- मिश्रण को ठंडा होने दें, यदि आवश्यक हो तो चाशनी को छान लें।
- एक कटोरे में गेहूं का आटा ले और 2 tbsp गुनगुना घी डालें और घी को उंगलियों की मदद से आटे में तब तक मिलाएं जब तक कि आटा ब्रेडक्रंब की तरह न दिखाई दे।
- अब गुड़ की चाशनी से आटा गूंध लें।
- आटा सख्त और चिकना होना चाहिए, घी के साथ आटा चिकना करें और ढककर 15 मिनट के लिए रखें।
- फिर से आटा गूंध लें और आटे को 22 से 24 बराबर भागों में बाँट लें और नींबू के छोटे आकार के गोले बना लें।
- अंगूठे और उंगलियों की मदद से छोटे गोलो को पिरामिड का आकार दें।
- देसी घी को एक भारी तले की कड़ाही में गर्म करें, जब घी मध्यम गरम हो जाए तो 4 से 5 आटे के फल डाल दें और मध्यम से धीमी आंच पर तलें।
- बीच बीच में फल को हिलाएं और जब तक वह चारों तरफ से सुनहरा न हो जाए, तले।
- पेपर नैपकिन पर फल को निकाले।
- ठंडा होने के बाद एयर टाइट कंटेनर में फल को स्टोर करें।
ध्यान दें –
- अगर आप तेज आंच पर फल तलते हैं तो फल नरम रह जाएंगे।
Very new and interesting recipe.
Thanks Pranita