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Kanji Vada


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आप इस रेसिपी को नीचे हिंदी में भी पढ़ सकते हैं

Kanji vada is very popular in Marwari families. It is a festive dish and most of the families make kanji vada on Diwali, Holi and on Sheetala Ashtami (basoda puja). This desi drink is also a very famous street food of North India.

During the festive season, people eat rich and heavy food and face many digestion problems. During such times, kanji helps in detoxifying the body and keeps the digestive system stable.

Also check: Digestive Churan

Refreshing sour, spice and tangy kanji is a fermented, probiotic drink.

Few highlights about kanji vada-

    • It is a digestive drink.
    • It acts as an appetizer.
    • It detoxes the body.
  • It has cooling and soothing properties.

Kanji vada is made by immersing moong dal vadas in fermented sour and tangy mustard flavoured water. Kanji (rai ka paani) is prepared and kept aside for two to three days to mature, and on the third day we fry moong dal vadas and immerse in kanji water.

To make kanji vada split the recipe in two parts-

    • Make kanji and keep aside for two days.
  • After two days, fry vadas and immerse in kanji.

The recipe to make kanji is very simple and easy: 

Ingredients to make kanji water –

    • 2 litre Water                                           
    • 2 tsp Saunf (fennel seeds)                   
    • 2 tsp Peli sarso or rai (mustard seeds) 
    • 1/4 tsp Haldi (turmeric) powder                
    • 1 tsp Lal mirch(red chilli)powder            
    • 1/8 tsp Hing (asafetida)                             
    • 2 tbsp Sarso ka tel (mustard oil)               
  • Salt according to taste.

Method –

    • In a glass or ceramic jar, take 2 litre filtered water. You can also use boiled water once it has cooled down. 
    • Heat sarso ka tel till its smoking point and let it cool.
    • Grind sarson and saunf into a coarse powder.
    • In a bowl, combine this coarse powder with haldi, lal mirch powder, hing and salt.
    • Now add oil to it and mix everything properly. 
      Mix all the masalas with oil
    • Add this mixture to the filtered/boiled water and mix well. 
      Add masalas to water and mix well
    • Cover the container and keep aside for 2 to 3 days.
    • Stir the mixture once or twice every day.
  • Always use a clean and dry spoon to stir the kanji.

Ingredients to make moong dal vadas-

    • 1 tea cup Moong dal (dehusked split green gram) 
    • 1 tsp Saunf (fennel seeds)                                
    • 1 pinch Hing (asafetida )                                       
    • 1/2 tsp Lal mirch(red chilli ) powder                      
    • Salt according to taste 
  • Sufficient oil for frying vadas

Method –

    • wash and soak moong dal in sufficient water for 3 to 4 hours.
    • Drain water and keep dal in a colander to remove all the extra water.
    • Grind dal into a smooth batter without adding water. 
    • Transfer dal batter to a strainer and sieve the batter through it. You will get a light and fluffy batter to make vadas. (I like this method although you can aerate the batter by beating it with your hands too). 
      Sieve batter through sieve and add masalas to it
    • Now add saunf, hing, lal mirch powder, and salt to the batter and mix well. 
      The batter should be fluffy and thick
    • Heat sufficient oil in a kadhai (wok). When the oil is medium-hot, put small vadas in it.
    • Fry the vadas until they turn crispy and golden in colour.
    • Drain vadas on absorbing paper.
    • In a bowl, take fresh water and soak vadas in it for 15 to 20 minutes.
    • Now take out vadas from the water and gently press it between palms to remove excess water from it.
    • Now put these vadas in kanji water.
  • After few hours, sour, spicy and tangy kanji vada with its pungent taste of mustard will be ready to serve.
Kanji Vada

Note –

    • After adding vadas, you can keep kanji vada for two days on the kitchen shelf.
  • After two days, keep kanji vada in the refrigerator and finish it in 3 to 4 days.

कांजी वड़ा

मारवाड़ी परिवारों में कांजी वड़ा बहुत लोकप्रिय है, यह एक प्रसिद्ध व्यंजन है और अधिकांश लोग दीवाली, होली और शीतला अष्टमी (बसोड़ा पूजा) पर कांजी वड़ा बनाते हैं, यह देसी पेय  उत्तर भारत का एक बहुत प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड भी है।

त्योहारो के दौरान लोग  गरिष्ठ और भारी भोजन करते हैं और पाचन संबंधी कई समस्याओं का सामना करते हैं। ऐसे समय मे कांजी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को स्थिर रखता है।

ताज़ी खट्टी, मसालेदार और टंगी कांजी एक खमीर युक्त प्रोबायोटिक पेय है।

कांजी वड़ा के बारे में कुछ खास बातें-

  • यह एक पाचन पेय है।
  • यह एक क्षुधावर्धक के रूप में कार्य करता है।
  • यह शरीर को डिटॉक्स करता है।
  • यह शीतलन प्रदान करता हैं।

मूंग दाल वड़ा को खमीर युक्त खट्टे और टेंगी सरसों के स्वाद वाले पानी में डुबो कर  कांजी वड़ा बनाया जाता है। कांजी (rai ka paani) को परिपक्व होने मे  दो से तीन दिनों का समय लग जाता है और तीसरे दिन हम मूंग दाल वड़े को तलते हैं और कांजी पानी में डुबोते हैं।

कांजी वड़ा बनाने के तरीक़े को दो भागों में विभाजित करें-

  • कांजी बनाएं और दो दिन के लिए अलग रख दें।
  • दो दिन बाद वड़े तलें और कांजी में डुबोएं।

कांजी बनाने की विधि बहुत ही सरल और आसान है –

कांजी पानी बनाने की सामग्री –

  • 2 लीटर पानी
  • 2 छोटा चम्मच सौंफ
  • 2 छोटा चम्मच पीली सरसो या राई
  • 1/4 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर 
  • 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर 
  • 1/8 छोटा चम्मच  हींग 
  • 2 tbsp सरसो का तेल 
  • स्वादानुसार नमक।

बनाने का तरीका –

  • एक  कांच या चीनी मिट्टी के  बर्तन में 2 लीटर फ़िल्टर्ड पानी लें, अगर आपके पास फ़िल्टर नहीं है तो पानी को उबालें और ठंडा करें।
  • धूम्रपान बिंदु तक सरसो के तेल को गरम करें और इसे ठंडा करें।
  • सरसो और सौंफ को दरदरा पीस लें।
  • एक कटोरे में  सरसों और सौंफ का मोटे पाउडर, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, हींग और नमक मिलाएं।
  • अब इसमें तेल डालकर अच्छे से फैटे। 
  • इस मिश्रण को पानी में डालकर अच्छे से मिलाएं।
  •  बर्तन को ढके और 2 से 3 दिनों के लिए रखें।
  • मिश्रण को हर रोज एक या दो बार हिलाएं।
  • कांजी को चलने के लिए हमेशा साफ और सूखे चम्मच का इस्तेमाल करें।

मूंग दाल वड़े बनाने की सामग्री-

  • 1 टी कप मूंग की दाल 
  • 1 छोटा चम्मच सौंफ 
  • 1 चुटकी हींग
  • ½  छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर 
  • स्वादानुसार नमक।
  • वड़ा तलने के लिए पर्याप्त तेल।

बनाने का तरीका –

  • मूंग दाल को धोकर 3 से 4 घंटे तक पर्याप्त पानी में भिगोएँ।
  • अब अतिरिक्त पानी को निकलने के लिए दाल को छलनी में रखें। 
  • दाल को पानी डाले बिना पीसें।
  • दाल के घोल को एक बडे छेद वाली छलनी में स्थानांतरित करें और उसके माध्यम से घोल को छान लें, ऐसा करने से घोल काफी हल्का हो जाता हैं।(मुझे यह तरीका पसंद है, आप चाहे तो घोल को अपने हाथों से भी फेट सकते हैं)
  • अब घोल में सौंफ, हींग, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएँ।
  • कड़ाही में पर्याप्त तेल गरम करें, जब तेल मध्यम गरम हो जाए तो उसमें छोटे छोटे  वड़े डालें।
  • वड़े को तब तक फ्राई करें जब तक वे खस्ता और सुनहरे रंग के न हो जाएं।
  • वड़े को पेपर नेपकिन पर निकाले।
  • एक कटोरे में पानी लें और उसमें वड़े डालें और इसे 15 से 20 मिनट तक भिगोएँ।
  • अब वड़ा को पानी से बाहर निकालें और धीरे से हथेली के बीच से दबाएं ताकि उसमें से अतिरिक्त पानी निकल जाए।
  • अब इस वड़े को कांजी के पानी में डाल दें।
  • कुछ घंटों के बाद, सरसों के तीखे स्वाद के साथ खट्टा, मसालेदार और टंगी कांजी वड़ा परोसने के लिए तैयार हो जाएगा।

ध्यान दें –

  • वड़े डालने के बाद आप कांजी वड़ा को किचन शेल्फ पर दो दिनों के लिए रख सकते हैं।
  • दो दिनों के बाद, कांजी वड़ा को रेफ्रिजरेटर में रखें और इसे 3 से 4 दिनों में समाप्त करें।

Digestive Churan बनाने की विधि देखें

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