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Winter is when we get the best and freshest radish or mooli. While radish is eaten raw as a salad, even the leaves, if they are tender, are eaten raw. They have a tart flavour that adds zing to the salad. One of the best ways to eat a tender mooli along with its leaves is to slit it after peeling and washing and adding some chat masala in the slit. Munch away for a fresh mid-morning or evening snack, leaves and all!
The leaves are also used in many ways in north Indian cuisine. In addition to delicious stuffed parathas, it can be cooked with moong dal or you can make saag with them too. And needless to say, it tastes great in all of them! So, the next time you buy radish, please don’t throw away the leaves. Here I have shared the recipe of a subzi made using them.
But before going on to the recipe, let us look at a few nutritional facts about radish leaves:
- You will be surprised to know that radish leaves (mooli ke patte) are more nutrient-rich than radish!
- Radish leaves are an excellent source of Vitamin A, C and B6, Phosphorus, Magnesium, Calcium, Iron, Potassium, fibre and Folic acid.
Today I am sharing the recipe of mooli ke patte ki bhurji which is a popular north Indian specialty. This Bhurji is made with fresh and tender green radish leaves and radish. It is mildly flavoured with carom seeds (ajwain) and asafoetida and has some simple spices which are readily available in every spice box.
The recipe to make mooli ke patte ke bhurji is very simple and easy.
Prep time – 20 minutes
Cook time – 30 minutes
Total time – 50 minutes
Course –main course
Cuisine – Indian
Servings – 2 to 3
Equipment:
- Pressure cooker
- Kadhai/wok
- Spatula
Note:
- I prefer to make mooli ki bhurji in lohe ke kadhai (iron wok), It is said that food cooked in iron wok improves the iron content of food.
- If you make sabzi in an iron wok, transfer it immediately to a serving dish or it will turn blackish.
- I use mustard oil to make mooli ki bhurji, you can use any oil of your choice.
Preparation:
- Clean and wash the radish leaves. Chop them finely.
- Wash, peel and cut radish into small cubes.
- Slit or cut green chillies.
Ingredients
- 4 cups chopped Radish leaves (mooli ke patte)
- 1 cup chopped Radish (mooli)
- 2 Green chillies (hari mirch)
- 1 tbsp Mustard oil (sarso ka tel)
- ½ tsp Cumin seeds (jeera)
- 1/4 tsp Carom seeds (ajwain)
- 1/8 tsp Asafoetida (hing)
- 1/4 tsp Turmeric (haldi)
- 3/4 tsp Red chilli powder (lal mirch)
- 1 tbsp Coriander powder (dhania)
- ½ tsp Dry mango powder (amchoor)
- Salt (namak) according to taste
Method:
- Pressure cook chopped radish leaves and chopped radish with half cup water, after one whistle switch off the flame.
- Let cooker cool down, then drain the radish leaves in a colander, squeeze tightly excess water from the radish leaves and radish.
- Heat mustard oil in a kadhai, add cumin seeds and carom seeds, sauté it until colour changes. Lower the flame.
- Add green chillies and asafoetida. Saute it for a few seconds.
- Now add the squeezed veggies, sprinkle turmeric, red chilli powder, coriander powder, dry mango powder and salt. Mix it well, cook for 4-5 minutes. Stir mooli ki bhurji a few times as it cooks and switch of the flame once done.
- If you are making bhurji in an iron wok, transfer mooli ki bhurji immediately to the serving bowl.
Serving idea:
Serve mooli ki bhurji with phulka or paratha.
सर्दीयो मे हमें सबसे अच्छी और ताज़ी मूली मिलती है। मूली को सलाद के रूप में कच्चा खाया जाता है, यहाँ तक कि अगर पत्तियाँ कोमल हो तो उन्हें भी कच्चा खाया जाता है। मूली स्वाद मे तीखी होती है। मूली खाने का एक सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसे छीलने और धोने के बाद , उस मे चीरा लगाकर कुछ चाट मसाला डाल कर खाए।
पत्तों का उपयोग उत्तर भारतीय व्यंजनों में कई तरह से किया जाता है। स्वादिष्ट भरवां पराठों के अलावा, इसे मूंग दाल के साथ पकाया जा सकता है या आप इनके साथ साग भी बना सकते हैं और कहने की जरूरत नहीं है सभी व्यजंन बहुत स्वादिष्ट बनते हैं।तो, अगली बार जब आप मूली खरीदते हैं, तो कृपया पत्तियों को फेंके ना । यहाँ मैं मूली के पत्तों की सब्ज़ी की रेसिपी साझा कर रही हूं ।
रेसिपी पढ़ने से पहले मूली के पत्तों के बारे में कुछ तथ्य जान लें,
- आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मूली के पत्ते मूली की तुलना में अधिक पौष्टिक होते हैं।
- मूली के पत्ते विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 6, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम, फाइबर और फोलिक एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं।
इसलिए अगली बार जब आप मूली लेकर आएं तो कृपया पत्ते फेंके नहीं, आप इससे स्वादिष्ट भरवां पराठा बना सकते हैं, मूली के पत्तों को मूंग दाल के साथ पका सकते हैं या मूली के पत्तों के साथ साग बना सकते हैं।
आज मैं मूली के पत्तों की भुर्जी कि रेसिपी शेयर कर रही हूँ जो एक लोकप्रिय उत्तर भारतीय विशेषता है। या सब्जी ताजी मूली और मूली के पत्तों के साथ बनाई जाती है, इस सब्जी में अजवाईन और हींग का तड़का लगाते है और हर मसाले के डिब्बे में उपलब्ध साधारण मसालों के साथ इसे पकाया जाता है।
मूली के पत्तों की भूर्जी बनाने की रेसिपी बहुत ही सरल और आसान है।
तैयारी का समय – 20 मिनट
पकाने का समय – 30 मिनट
कुल समय – 50 मिनट
भोजन – भारतीय
सर्विंग्स – 2 से 3
ध्यान दें –
- मैं लोही की कढाई में मुली की भुरजी बनाना पसंद करती हूँ। ऐसा कहा जाता है कि लोहे की कड़ाही में पकाया गया भोजन मे लौह की मात्रा बढ़ जाती है।
- यदि आप लोहे की कड़ाही में सब्ज़ी बनाते हैं, तो इसे तुरंत एक प्याले में निकाल ले, अगर लोहे की कढ़ाई में ज्यादा देर छोड़ दिया तो रंग काला हो जाता है।
- मैं मुली के भुरजी बनाने के लिए सरसों के तेल का उपयोग करती हूं, आप अपनी पसंद के तेल का उपयोग कर सकते है।
तैयारी –
- मूली के पत्तों को साफ कर के धो ले और बारीक काट लें।
- मूली को धोएं, छीलें और छोटे टुकड़ों में काट लें।
- हरी मिर्च को महीन काट लें या या फिर बड़े टुकड़ों में काट लें।
सामग्री-
- 4 चाय कप कटी हुई मूली की पत्तियां
- 1 चाय कप कटी हुई मूली
- 2 हरी मिर्च
- 1 tbsp सरसों का तेल
- 1 / 2/छोटा चम्मच जीरा
- 1 / 4 छोटा चम्मच अजवाइन
- 1 / 8छोटा चम्मच हींग
- 1 / 4 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- 3 / 4 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 tbsp धनिया पाउडर
- 1 / 2 छोटा चम्मच अमचूर पाउडर
- स्वादानुसार नमक (नमक)
निर्देश –
- कटी हुई मूली के पत्ते और कटी हुई मूली को आधा कप पानी के साथ प्रेशर कुक करें, एक सीटी आने के बाद आंच बंद कर दें।
- कुकर को ठंडा होने दें, फिर एक छलनी में मूली के पत्तों को निकाल दें, ठंडा होने के बाद मूली के पत्तों और मूली से कसकर पानी निचोड़ें।
- एक कढ़ाही में सरसों का तेल गरम करें, उसमें जीरा और अजवाइन डालें, इसे तब तक भूनें जब तक कि रंग न बदल जाए, आंच कम कर दें।
- अब हरी मिर्च और हींग डालकर कुछ सेकंड के लिए भूनें।
- अब इसमें निचोड़ी हुई सब्जियाँ डालें, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, आम का पाउडर और नमक डाले, इसे अच्छी तरह मिलाएँ, ओर 4 से 5 मिनट तक पकाएँ।
- अगर भूर्जी लोहे की कड़ाही में बनाई है तो तुरंत मुली की भुर्जी को सर्विंग बाउल में ट्रांसफर करें।
So nice, I too also made same subji but, with different method. Check my recipe.
Hello Pranita ji, surely I will try your recipe.
After trying two preparations from your blog now am going to try this.
Thanks Jyotirmoy Sarkar ji for trying recipes from my blog, hope you will like this recipe too
Hi nice recipe. Will surely try. Would like to tell you about the iron wok. We in South India say that greens should never be cooked in iron wok because greens are already rich in iron so it’s not advisable. Also we should never close the lid and cook the greens inorder to retain its nutritional value.
Hi Revathy, glad to know that you liked this recipe. Thanks for sharing tips, in future I will avoid iron wok for cooking green.