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Tinda, which is also known as apple gourd or round gourd, is a popular summer vegetable and due to its numerous health benefits, it is considered as a superfood.
Here are some of its health benefits:
- Tinda is a mild, soothing and water-rich vegetable which keeps body cool, increase urinary flow which helps to excrete toxins from the kidney.
- Tinda is high in fibre which helps in digestion and prevents constipation and relieves from stomach acidity.
- Tinda is a good source of antioxidants like carotenoids and many inflammatory agents which are effective in controlling blood pressure and heart disease.
- Tinda also prevents cancerous formations.
Ingredients for 2 to 3 servings-
- Tinday (apple gourd) -250 gm
- Sarso ka tel (Mustard oil ) – 1 tbsp
- Saunf (fennel seeds) – ½ tsp
- Jeera (cumin seeds) – 1/4 tsp
- Hing (asafoetida) -1/8 tsp
- Hari mirch (Green chilli ) – 2
- Lal mirch (Red chilli powder ) – ½ tsp
- Dhania (Coriander powder) – 1 tbsp
- Haldi (Turmeric powder) – 1/4 tsp
- Amchoor (Dry mango powder) – ½ tsp
- Namak (Salt) according to taste.
Preparation –
- To make sabzi, always take fresh and tender tinday.
- wash, scrap and peel tinday into four or eight pieces, if seeds are hard; discard it.
- Slit green chillies.
Method-
- Heat oil in a heavy bottom kadai (wok). Put jeera and saunf, when it sputters, add green chillies, saute for a few seconds, put hing.
- Now add tinday, lower the flame, sprinkle haldi and salt, mix well.
- Sprinkle 1 to 2 tbsp water, cover the kadai with a lid.
- Stir the sabzi in between and let it cook until fully done.
- Now put red chilli powder, coriander powder and amchoor powder and mix properly.
- Switch off the flame and transfer tinday ki sabzi to the serving bowl.
Serving idea –
- Serve tinday ki sabzi with phulka, paratha or dal chawal.
टिंडे की सब्जी
टिंडा, जिसे अंग्रेजी में apple gourd या round gourd के रूप में जाना जाता है, एक लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन सब्जी है और इसके कई स्वास्थ्य लाभों के कारण, यह एक सुपरफूड माना जाता है।
इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं:
- टिंडा एक सौम्य, सुखदायक और पानी से भरपूर सब्जी है जो शरीर को ठंडा रखता है, मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है जो किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- टिंडा फाइबर में उच्च होता है जो पाचन में मदद करता है और कब्ज होने से रोकता है और पेट की अम्लता मे राहत देता है।
- टिंडा कैरोटिनॉइड और एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है जो रक्तचाप और हृदय रोग को नियंत्रित करने में प्रभावी हैं।
- टिंडा कैंसर के निर्माण को भी रोकता है।
2 से 3 सर्विंग के लिए सामग्री-
- टिंडे -250 ग्राम
- सरसो का तेल – 1 बड़ा चम्मच
- सौंप – 1 / 2 छोटा चम्मच
- जीरा – 1 / 4 छोटा चम्मच
- हींग – 1 / 8 छोटा चम्मच
- हरी मिर्च – २
- लाल मिर्च पाउडर – 1 / 2छोटा चम्मच
- धनिया पाउडर – 1 बड़ा चम्मच
- हल्दी पाउडर – 1 / 4छोटा चम्मच
- आमचूर पाउडर – 1 / 2 छोटा चम्मच
- स्वादानुसार नमक (नमक)।
तैयारी –
- सब्ज़ी बनाने के लिए, हमेशा ताज़े और कोमल टिंडे लें।
- टिंडे को धोकर छील लीजिए और 4 या 8 टुकड़ों में काट लीजिए और अगर बीज पके हो तो निकाल दीजिए।
- हरी मिर्च काट लीजिए।
तरीका-
- एक भारी तले की कड़ाही में तेल गरम करें। जीरा और सौंफ डालें, जब यह तडकने लगे तब हरी मिर्च डालें, कुछ सेकंड के लिए भूनें, और हींग डालें।
- अब टिंडे डालें, आंच धीमी करें, हलदी और नमक डालें, अच्छी तरह मिलाएँ।
- 1 से 2 टेबलस्पून पानी छिड़कें, कढाई को ढक्कन से ढक दें।
- सब्ज़ी को बीच-बीच में हिलाते रहें और पूरी तरह से सीजने दें।
- अब लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और अमचूर पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
- लौ को बंद करें और टिंडे की सब्जी को सर्विंग बाउल में ट्रांसफर करें।
- टिंडे की सब्ज़ी को फुल्का, पराठे या दाल चवाल के साथ परोसें।