Gluten-Free Snacks Vegan

Alu Vadi /Arbi ke patton ke pitod/ Patra

Today, I am sharing a very simple recipe for alu vadi, a popular Maharashtrian snack. 

This mouth-watering snack is made in all parts of India but by different names and a bit different procedures.

In North India, it is called Arbi ke patton ke pitod; in Maharashtra, it is popularly known as alu vadi, and in Gujrat, it is called Patra.  But by whatever name it is called, it doesn’t make any difference; one thing is common: crispy, spicy, and tangy alu vadi are everyone’s favorite.

Arbi ka patta
Arbi ka patta

The recipe is very simple and easy.

Ingredients for 3 to 4 servings:

  • 6 colocasia leaves (arbi ke patte)
  • 1 cup gram flour ( besan)
  • 1/4 cup rice flour
  • 1 tbsp oil
  • ½ tsp carom seeds
  • 1/4 tsp asafetida
  • ½ tbsp green chili and ginger paste
  • 1 tsp red chili powder
  • 1 tbsp tamarind pulp
  • 1 tsp jaggery powder
  • 1/4 tsp turmeric powder
  • 1/4 tsp garam masala powder
  • Salt according to taste
  • Water as required
  • Oil to fry vadi 
Ingredients for Alu vadi, arbi ke patton ke pitod, Patra
Ingredients for Alu vadi, arbi ke patton ke pitod, Patra

For garnishing:

  • 1 tsp roasted sesame seeds for garnishing.
  • Roast sesame seeds in a few drops of oil.

Method to make alu vadi:

  • Wash colocasia leaves, wipe with a clean kitchen towel, and cut the stem.
  • Take besan and rice flour in a bowl. Add carom seeds, asafetida, green chili and ginger paste, red chili powder, turmeric powder, garam masala powder, tamarind pulp, jaggery powder, salt, and oil, and mix well. (we add tamarind pulp because it reduces itchiness and enhances the taste)
  • Now add water as required and make lump free thick batter. The consistency of the batter should not be very thin or too thick; it should spread easily on leaves.

Note:

(Before applying batter, please note how to arrange the leaves so that the batter can be spread on them.

If the heart shape of the first leaf is towards the right side, then the second leaf’s heart shape should be towards the left, and the third leaf’s heart shape should be towards the right.)

  • Now, place one colocasia leaf on a flat surface and spread batter evenly on the back side of the leaf. It is very convenient to spread the batter with your hands, but if you are comfortable, you can use a spoon. 
  • Now place the second leaf spread batter over it, and then place the third leaf and spread batter over it.
  • I have used three leaves, but you can take four to five leaves. (Don’t take too many leaves, it will be difficult to make a roll )
  • Now fold all four sides and spread the batter on the folds. (After folding, it will look like a square)
  • Now, start to roll them tightly, and spread some batter on each fold.
  • Once the rolls are ready, tie the rolls roughly with the white thread so that the rolls don’t open while steaming (don’t use colored thread because it may leave color and spoil the rolls)
  • Heat one glass of water in the steamer. Keep one perforated plate (plate with holes) at the bottom of the steamer; this will prevent bubbles from rushing up and entering the dish.
  • Brush oil on a plate and place rolls on it with the sealed side facing down.
  • Now keep the plate in a steamer and steam rolls for 15 to 20 minutes.
Make rolls and steam
  • Remove rolls from the steamer and let it cool completely.
  • Now cut into thin slices.
Cut thin slices
  • Now heat sufficient oil in a kadhai, and fry alu vadi on low flame until it becomes golden and crispy.
  • Heat a few drops of oil in a tadka pan. Add sesame seeds and roast until golden.
  • Sprinkle roasted sesame seeds on alu vadi.
  • Crispy and crunchy Alu vadi are ready to serve.
Crunchy Alu vadi are ready to serve
Crunchy Alu vadi are ready to serve

अळू वडी, अरबी के पत्तों के पितौड, पात्रा 

आज मैं अळू वडी की एक सरल और आसान रेसिपी शेयर कर रही हूँ, अळूवडी एक लोकप्रिय महाराष्ट्रीयन स्नैक है। इसे भारत के सभी हिस्सों में अलग अलग नामों से बनाया जाता है और हर जगह कि बनाने कि विधि में थोड़ा थोड़ा अंतर होता है। उत्तर भारत में इसे पितौड कहा जाता है, महाराष्ट्र में यह अळूवडी के नाम से मशहूर है और गुजरात में इसे पात्रा कहते हैं। नाम में क्या रखा है, इस स्वादिष्ट स्नेक को किसी भी नाम से पुकारे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, एक बात कॉमन है कि कुरकुरी, खट्टी, मीठी और तीखी अळूवडी सभी का पसंदीदा स्नेक है।

रेसिपी बहुत ही सरल और आसान है।

3 से 4 सर्विंग्स के लिए सामग्री:

  • 6 अरबी के पत्ते 
  • 1 कप बेसन 
  • 1/4 कप चावल का आटा
  • 1 tbsp तेल
  • ½ छोटा चम्मच अजवायन
  • 1/4  छोटी चम्मच हींग
  • ½ tbsp हरी मिर्च और अदरक का पेस्ट
  • 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 tbsp इमली का गूदा
  • 1 छोटा चम्मच गुड़ का पाउडर
  • 1/4 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर
  • ½ छोटी चम्मच गरम मसाला पाउडर
  • नमक स्वादानुसार
  • आवश्यकता अनुसार पानी
  • अळूवडी तलने के लिये तेल

गार्निशिंग के लिए:

  • 1 छोटा चम्मच तिल गार्निशिंग के लिए। 
  • तिल को तेल की कुछ बूंदों में भून लें।

अळू वडी बनाने की विधि:

  • अरबी के पत्तों को धोकर साफ किचन टॉवल से पोंछ लें। मोटे तने को काट दें।
  • एक बाउल में बेसन और चावल का आटा लें। उसमें अजवायन, हींग, हरी मिर्च और अदरक का पेस्ट, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, गरम मसाला पाउडर, इमली का गूदा, गुड़ का पाउडर, नमक और तेल डालकर अच्छी तरह मिलाएँ। (हम इसमें इमली का गूदा मिलाते हैं क्योंकि यह खुजली को कम करता है और अळू वडी का स्वाद भी बढ़ाता है)
  • अब इसमें आवश्यकतानुसार पानी डालकर गांठ रहित गाढ़ा घोल बना लें। घोल की कंसिस्टेंसी न ज्यादा पतली होनी चाहिए और न ही ज्यादा गाढ़ी, यह आसानी से पत्तों पर फैल जाना चाहिए।

(बेसन का घोल लगाने से पहले कृपया ध्यान दें कि घोल लगाने के लिए पत्तियों को कैसे व्यवस्थित करें।

यदि पहले पत्ते का हृदय वाला आकार दायीं ओर हो, तो दूसरे पत्ते का हृदय वाला  आकार बायीं ओर रखें,और तीसरे पत्ते का हृदय वाला आकार दायीं ओर होना चाहिए।)

  • अब एक अरबी की पत्ती को समतल सतह पर रखें, बैटर को पत्ती के पिछले हिस्से पर समान रूप से फैलाएं। बैटर को हाथों से फैलाना बहुत सुविधाजनक होता है लेकिन अगर आप चाहें तो आप बैटर को फैलाने के लिए चम्मच का उपयोग कर सकते हैं।
  • अब इसके ऊपर दूसरा पत्ता रखें और बैटर फैलाएं, और फिर तीसरा पत्ता रखें और उसके ऊपर बैटर फैलाएं।
  • मैंने तीन पत्तों का इस्तेमाल किया है लेकिन आप चार से पांच पत्ते ले सकते हैं। (बहुत अधिक पत्ते न लें, रोल बनाना मुश्किल होगा)
  • अब चारों किनारों को मोड़कर उसके ऊपर बैटर फैलाएं। (फोल्ड करने के बाद यह चौकोर दिखेगा)
  • अब इन्हें रोल करे और प्रत्येक फोल्ड पर थोड़ा थोड़ा बैटर फैलाएं।
  • रोल तैयार होने के बाद, रोल पर सफेद धागा लपेट दें। ताकि स्टीम करते समय रोल खुलें नहीं। (रंगीन धागे का प्रयोग न करें क्योंकि यह रंग छोड़ सकता है और रोल खराब हो सकते है)
  • स्टीमर में एक गिलास पानी गर्म करें। नीचे एक जाली बाली plate रखें, यह पानी के बुलबुलों को उपर आने से रोकती है।
  • अब एक प्लेट को तेल से चिकना कर लें और उस पर सीलबंद साइड नीचे की ओर करके रोल रखें।
  • अब प्लेट को स्टीमर में रख कर 15 से 20 मिनट तक रोल्स को स्टीम करें। अब आंच बंद कर दें।
  • रोल को स्टीमर से निकालें और पूरी तरह से ठंडा होने दें।
  • अब रोल को पतले स्लाइस में काट लें।
  • अब कढ़ाई में पर्याप्त तेल गरम करें, अळूवडी को धीमी आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें।
  • एक तड़का पैन में तेल की कुछ बूँदें गरम करें, तिल डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
  •  अळू वडी पर भुने हुए तिल छिड़कें। 
  • स्वादिष्ट अळू वडी परोसने के लिए तैयार हैं।
  • आप चाहें तो तलने की वजहें अळू वडी को थोड़े से तेल में भुन भी सकते है।

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